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ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलैमान शाह मुठभेड़ में ढेर, सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी

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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सोमवार को एक बड़े ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सुलैमान शाह समेत तीन आतंकियों को ऑपरेशन महादेव के तहत मुठभेड़ में मार गिराया गया। इस ऑपरेशन को भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर अंजाम दिया।

मुठभेड़ दाचीगाम नेशनल पार्क के पास स्थित लिदवास क्षेत्र में हुई, जो घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों से घिरा है। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खास इनपुट मिलने के बाद ऑपरेशन शुरू किया गया।


💣 कब और कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन?

ऑपरेशन महादेव की शुरुआत सोमवार सुबह करीब 11 बजे हुई, जब सुरक्षा एजेंसियों को यह जानकारी मिली कि इलाके में कुछ विदेशी आतंकवादी छिपे हुए हैं।

इसके बाद सेना और पुलिस की टीमों ने इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया। मुठभेड़ का इलाका जबरवन और महादेव पहाड़ियों के बीच था, इसलिए इस अभियान को ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम दिया गया।

सेना की चिनार कॉर्प्स ने एक आधिकारिक बयान में कहा,

“तीन आतंकवादियों को एक तीव्र मुठभेड़ में मार गिराया गया है। ऑपरेशन अभी भी जारी है।”

ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए एरियल सर्विलांस (हवाई निगरानी) और अतिरिक्त सुरक्षाबलों को भी तैनात किया गया।


🧠 पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था सुलैमान शाह

सूत्रों के अनुसार, मारे गए आतंकियों में एक की पहचान सुलैमान शाह के रूप में हुई है, जो पहलगाम आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिससे देशभर में सनसनी फैल गई थी।

हालांकि पुलिस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर आतंकियों की पहचान की पुष्टि नहीं की है। IGP कश्मीर, विद्धि कुमार बर्डी ने मीडिया से बात करते हुए कहा:

“यह एक लंबा ऑपरेशन है और अभी जारी है। J&K पुलिस, अर्धसैनिक बल और सेना ऊपरी क्षेत्रों में आतंकियों से मुठभेड़ कर रही हैं। आंतरिक रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन शव देखे गए हैं जो मारे गए आतंकियों के हो सकते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि अंतिम पुष्टि ऑपरेशन के पूरा होने के बाद ही की जाएगी।


🛰️ कैसे जुटाई गई जानकारी?

सुरक्षा एजेंसियों को पिछले कुछ हफ्तों से इनपुट मिल रहे थे कि पहलगाम हमले के आरोपी श्रीनगर से करीब 20 किमी दूर दाचीगाम इलाके की ओर भागे हैं।

इनपुट की पुष्टि होते ही सेना और पुलिस ने हरवन के मुलनार इलाके में सोमवार सुबह तलाशी अभियान शुरू किया।

इलाके में दो राउंड गोलीबारी की आवाजें भी सुनी गईं, जिससे पता चला कि आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद सुरक्षाबलों ने फौरन रिइनफोर्समेंट (अतिरिक्त टुकड़ियां) भेजीं और पूरे इलाके की कंबिंग ऑपरेशन तेज कर दी।


🧭 ऑपरेशन महादेव क्यों है खास?

  • यह ऑपरेशन कश्मीर घाटी में हालिया समय का सबसे सटीक और सफल अभियान माना जा रहा है।
  • पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड को खत्म करना एक बड़ा झटका है आतंकी नेटवर्क के लिए।
  • मुठभेड़ जिस इलाके में हुई, वह बेहद दुर्गम और घना जंगल है, जहां किसी भी अभियान को चलाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है।
  • इस ऑपरेशन ने साबित कर दिया है कि सुरक्षा बलों की खुफिया क्षमता और रणनीतिक तैयारी अब एक नए स्तर पर पहुंच चुकी है।

जनता की प्रतिक्रिया और संदेश

सोशल मीडिया पर ऑपरेशन महादेव की खबर फैलते ही देशभर से लोगों ने सुरक्षाबलों की बहादुरी की तारीफ की है। कई लोगों ने इसे “सही समय पर दिया गया करारा जवाब” बताया।

कुछ लोगों ने लिखा:

“ये नया भारत है — आतंक का जवाब मैदान में दिया जाता है, शब्दों में नहीं।”


📌 आगे की रणनीति क्या होगी?

पुलिस और सेना इस वक्त इलाके की पूरी तरह से सर्चिंग और क्लीयरेंस में जुटी है ताकि कोई आतंकी न बच सके। साथ ही, इस ऑपरेशन के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने श्रीनगर और आसपास के इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी है।

FAQs

ऑपरेशन महादेव क्या है?

ऑपरेशन महादेव भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा चलाया गया एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान है, जिसका उद्देश्य पहलगाम हमले के दोषियों को पकड़ना था।

ऑपरेशन महादेव में कितने आतंकवादी मारे गए?

इस ऑपरेशन में कुल तीन आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया, जिनमें से एक सुलैमान शाह था, जो पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है।

सुलैमान शाह कौन था?

सुलैमान शाह एक पाकिस्तानी आतंकवादी था और पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।

ऑपरेशन महादेव कहां हुआ था?

यह ऑपरेशन श्रीनगर के पास दाचीगाम नेशनल पार्क के पास लिदवास इलाके में किया गया था, जो जाबरवान और महादेव रेंज के बीच स्थित है।


🔚 निष्कर्ष

ऑपरेशन महादेव ने यह साफ कर दिया है कि आतंकियों के लिए कश्मीर में अब कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं बची है। पहलगाम जैसे दर्दनाक हमले का मास्टरमाइंड मारा जा चुका है, और बाकी आतंकियों के दिन भी गिने-चुने हैं।

देश आज एक बार फिर अपने वीर जवानों को सलाम कर रहा है — जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की।

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